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सरकार ने बढ़ाए गन्ने के दाम, दिया किसानो को दिवाली गिफ्ट।

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ganne ka rate kitna bada : गन्ना किसानों को दिवाली से पहले राज्य सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. हरियाणा सरकार ने एक साथ ही दो साल के गन्नों के दाम का एलान कर द‍िया गया है। नवंबर से शुरू होने वाले गन्ना पेराई सत्र के ल‍िए 386 रुपये प्रति क्विंटल दाम तय किए गए हैं. बक‍ि अगले सत्र यानी 2024 के ल‍िए 400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल दाम तय हुए हैं. ganne ka rate kitna bada ganne ka rate kitna bada गन्ना किसानों को दिवाली से पहले राज्य सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. हरियाणा सरकार ने एक साथ ही दो साल के गन्नों के दाम का एलान कर द‍िया गया है। नवंबर से शुरू होने वाले गन्ना पेराई सत्र के ल‍िए 386 रुपये प्रति क्विंटल दाम तय किए गए हैं. बक‍ि अगले सत्र यानी 2024 के ल‍िए 400 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल दाम तय हुए हैं.  ganne ka rate kitna bada गन्ने के दाम में 14 रुपये की बढ़त  ganne ka rate kitna bada वर्तमान सत्र के ल‍िए गन्ने का मूल्य अगेती किस्म के लिए 372 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 386 रुपये प्रति क्विंटल घोषित कर द‍िया गया है. जो कि 14 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी है।  बता दें, यहां के किसान लं

यूपी में इस बार छोटे अनाज की खेती, शुगर की बीमारी का रामबाण इलाज।

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chote aanaj ki kheti : बलिया के मृदा विज्ञान व कृषि रसायन के विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि 18 वर्षों से किसानों के हित में हम लोग शोध कर रहे हैं. इसी शोध के अंतर्गत एक छोटे अनाज सांवा पर बड़ी सफलता मिली है. chote aanaj ki kheti chote aanaj ki kheti कृषि विभाग की टीम के शोध लगातार किसानों के झोली में खुशियां भर रहे हैं. इस समय सरकार श्री अन्न को बढ़ावा दे रही है और पूरे देश में इसका उत्सव मनाया जा रहा है.  chote aanaj ki kheti इस बीच बलिया में भी मृदा और कृषि विभाग सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्यों को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है. किसानों के हित में विभाग नये-नये शोध कर रहा है. वहीं, छोटा अनाज सांवा (स्मॉल मिलेट्स) को लेकर मृदा व कृषि विभाग की टीमों के हाथ बड़ी सफलता लगी है. इससे किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई है.  chote aanaj ki kheti छोटे अनाज की खेती में ना कोई लागत और ना खर्च  मृदा विज्ञान व कृषि रसायन के विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि 18 वर्षों से किसानों के हित में हम लोग शोध कर रहे हैं. इसी शोध के अंतर्गत एक छोटे अनाज पर

प्रमुख रोग और कीटों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाली लोकी की हाइब्रिड किस्म, लागत कम और उत्पादन ज़्यादा।

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सीधा सा मतलब हैं लागत कम और उत्पादन ज़्यादा और मार्किट रेट काफ़ी अच्छा। और पहेली तुड़ाई आप सिर्फ 50 दिनों में कर सकते हैं। Sarpan f1 hybrid loki, sarpan f1 hybrid bottle gourd Sarpan f1 hybrid loki आज हम आपको बता रहे हैं की इस हाइब्रिड लोकी जिसका मार्किट में उठान बहुत ज़्यादा हैं,और इस किस्म पर रोग भी बहुत कम आता हैं। सीधा सा मतलब हैं लागत कम और उत्पादन ज़्यादा और मार्किट रेट काफ़ी अच्छा। और पहेली तुड़ाई आप सिर्फ 50 दिनों में कर सकते हैं।  Sarpan f1 hybrid loki, sarpan f1 hybrid bottle gourd जी हाँ हम बात कर रहे हैं सरपन F1 हाइब्रिड लोकी की, सरपन F1 हाइब्रिड लौकी-55 (लौकी के बीज) प्रमुख रोग और कीटों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाली किस्म हैं , इसके फलों का रंग आकर्षक हरा रंग, फलों की लंबाई 30-35 सें.मी. होती है, और फल का आकार बेलनाकार होता है। फल का औसत वजन 1 से 1.5 किलोग्राम होता है।  Sarpan f1 hybrid loki, sarpan f1 hybrid bottle gourd

मार्किट में अब MBA मुर्गा वाला, महीने में लाखो की कमाई।

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mba murga wala : बिहार के गया के रहने वाले कुमार गौतम प्रतिदिन सुबह में उठकर कड़कनाथ मुर्गा और बटेर को चारा देने के बाद बच्चों को पढ़ाने के लिए चले जाते हैं. स्कूल से आने के बाद वह अपना सारा समय कड़कनाथ मुर्गों और बटेर की देखभाल में लगाते हैं. इससे वह सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. mba murga wala   mba murga wala गया जिले के परैया बाजार के रहने वाले कुमार गौतम बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से MBA से पोस्ट ग्रेजुएट हो चुके हैं. फिलहाल वह यहां के महमदपुर गांव में स्थित महमदपुर मध्य विद्यालय में शिक्षक के रूप में पदस्थ हैं. वह बच्चों के पढ़ाने के साथ-साथ अपने घर के पास कड़कनाथ मुर्गे और बटेर का पालन कर रहे हैं. इससे वह सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. mba murga wala क्या है कुमार गौतम की दिनचर्या? कुमार गौतम प्रतिदिन सुबह में उठकर कड़कनाथ मुर्गा और बटेर को चारा देने के बाद गुरारू प्रखंड के महमदपुर मध्य विद्यालय में सरकारी स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए चले जाते हैं. स्कूल से आने के बाद वह अपना सारा समय कड़कनाथ मुर्गों और बटेर की देखभाल में लगाते हैं. mba murga wala

काले सेब की खेती, इस सेब की कीमत है 500 रुपये।

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kale seb ki kheti : ब्लैक डायमंड एप्पल बेहद आसानी से नहीं उगता है। एक ब्लैक डायमंड एप्पल की कीमत लगभग 500 रुपये तक होती है। kale seb ki kheti   काले सेब की खेती ( kale seb ki kheti ) आज तक आपने कितने लाल और हरे रंग का सेब देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी काले रंग का सेब देखा है? जी हां काले रंग का सेब। सेब की कई वैरायटी होती हैं, जिनका स्वाद और गुण भी अलग होता है। आम दिनों में भी सेब की कीमतें भी काफी अच्छी रहती हैं। आज हम आपको जिस सेब के बारे में बताने जा रहे हैं उसे 'ब्लैक डायमंड एप्पल' के नाम से जाना जाता है। kale seb ki kheti बता दें कि ब्लैक डायमंड एप्पल काफी दुर्लभ होता है। इसे दुनिया के हर हिस्से में आसानी से नहीं लगाया जा सकता है। इस सेब को उगाने के लिए विशेष मौसम की आवश्यकता होती है। ब्लैक डायमंड एप्पल भूटान की पहाड़ियों पर उगाया जाता है। सेब की इस किस्म को 'हुआ नियू' भी कहा जाता है। इस सेब के स्वाद की बात करें तो इसका स्वाद कुरकुरा और रसदार होता है। kale seb ki kheti ब्लैक डायमंड एप्पल सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है। इसमें हाई सॉल्युबल फाइबर होते है

जापानी रेड डायमंड अमरूद की खेती से किसान हो रहे मालामाल।

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japani red diamond amrud जापानी रेड डायमंड अमरूद दिखने में अंदर से सुर्ख लाल होता है। और इस किस्म के अमरूद दूसरे अमरुद के मुकाबले काफी महंगा बिकता है। मार्केट में इसका japani red diamond amrud रेट हमेशा 100 से 150 रुपये किलो के बीच ही रहता है। अगर आप इसकी खेती करते हैं, तो आपकी कमाई तीन गुना बढ़ जाएगी। japani red diamond अमरुद japani red diamond amrud अमरुद हम सभी का पसंदीदा फल हैं और अमरूद खाना हर किसी को पसंद है। अमरुद की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है। और इसका रेट भी पूरे देश में लगभग एक जैसा ही रहता है। अमरूद में कई सारे विटमान्स पाए जाते हैं। लेकिन इसमें सबसे अधिक विटामिन सी मात्रा होती है। इसके अलावा अमरूद में लोहा, चूना और फास्फोरस भी प्रचूर मात्रा में मौजूद होते हैं। japani red diamond amrud अगर आप नियमित रूप से अमरूद का सेवन करते हैं, तो आपका शरीर तंदरुस्त और तरोताजा रहेगा। ऐसे भारत में अमरूद की कई किस्मों की खेती की जाती है। लेकिन आज हम एक ऐसे किस्म के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसकी खेती से किसान मालामाल हो जाएंगे। japani red diamond amrud ja

सबसे तीखी लाल मिर्च की खेती करे किसान, मंडी रेट 7000 रूपये प्रति किलो।

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tikhi laal mirch ki kheti : खास बात यह है कि ‘ भूत जोलोकिया ’ की खेती सिर्फ भारत में ही की जाती है। नागालैंड के पहाड़ी इलाकों में ही किसान इसकी खेती करते हैं। भूत जोलोकिया अपने तीखापन के चलते पूरी दुनिया में फेमस है।  tikhi laal mirch ki kheti tikhi laal mirch ki kheti ( भूत जोलोकिया) भारत में आज किसान चारो और से घिरा हुआ है, उसके पास पर्याप्त साधन भी नहीं है और ना धन। क्युकी पुरे साल जिस फसल को वो तैयार करके मंडी ले जाता है वहाँ उसको उचित दाम नहीं मिल पाता। इसलिए किसान को आज चाइये की क्वालिटी खेती करे। अलग हट के खेती करे। भेड़ चाल ना बने।  tikhi laal mirch ki kheti ( भूत जोलोकिया) आज इस ब्लॉग में हम आपको एक ऐसी ही अलग खेती के बारे में बता रहे है।आज हम एक ऐसी लाल मिर्च के बारे में बात करेंगे, जिसकी गिनती दुनिया की सबसे तीखी मिर्च में होती है. साथ ही इसका रेट भी हजारों रुपये किलो है। जिसका मंडी भाव 7000 प्रति किलोग्राम है।  tikhi laal mirch ki kheti ( भूत जोलोकिया) यह मिर्च है ‘भूत जोलोकिया’ , कहा जाता है कि यह दुनिया की सबसे तीखी लाल मिर्च है। बस एक बाइट खाते ही कान से